मैं एक कठपुतली सी, जीवन के रंगमंच में थिरकती सी, हर किरदार में पनपती सी, रिश्तों के मैं एक कठपुतली सी, जीवन के रंगमंच में थिरकती सी, हर किरदार में पनपती सी, ...
मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में। मैं भीगी हूं आंसुओं के प्रसार में क्या मेरा हक नहीं इस संसार में।
में एक लड़की हूं , मैं एक लड़की हूं, बहुत अधूरे सपने हैं, कुछ सपने दूसरों के तो कुछ में एक लड़की हूं , मैं एक लड़की हूं, बहुत अधूरे सपने हैं, कुछ सपने दूसर...
न ठंडी लगती है ,ना बारिश लगती है! रात और दिन न मुझे नींद आती है!! सीना तान के बंदूक न ठंडी लगती है ,ना बारिश लगती है! रात और दिन न मुझे नींद आती है!! सीना त...
जीवन-मृत्यु पे किसका वश है, उठकर अपना भविष्य संवारे। जीवन-मृत्यु पे किसका वश है, उठकर अपना भविष्य संवारे।